Rearing and Management Practices
हे द्वारा चारा संरक्षण (Use of green fodder for hay making)
चारा सरक्षण की दो प्रचलित विधियों में से “हे” बनाना अधिक सरल एवं कम महनत वाला है। इसमे हरे चारे कि फसल को उपर्युक्त पौष्टिक अवस्था में काटकर उस समय तक सुखाया जाता है जब तक कि उसमें आद्रता 15% या इससे कम न हो जाये। “हे” बनाते समय चारे का हरा रंग, पत्तियाँ एवं पोषक तत्व क्षीतग्रस्त न हों, इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
औषधीय पौधों से ग्रामीण मुर्गीपालन में उपचार
इस लेख में मुर्गियों में होने वाली कुछ प्रमुख बीमारियों के हेतु औषधिय पौधों के उपयोग की जानकारी दी जा रही है, जिससे ग्रामीण कुक्कुट पालक पक्षियों की मृत्युदर को नियंत्रित कर सकें।
Pashu Palak Calendar
The Pashu Palak calendar (in Hindi) is an easy-to-understand and practical guide for use by livestock (primarily for goat, sheep and cattle) rearers and community-based animal health workers
Ethno-Veterinary Practices for Control of Ectoparasites
Applying plant extracts on the skin of birds - Rubbing of fresh and dry tobacco leaves on the skin of the bird is helpful in killing lice.
पारंपरिक पशु चिकित्सा पद्धतियाँ
नीम की ताजा पत्तियों को 15-20 मिनट के लिए उबाल कर रात भर रखें और पत्तियां निकाल ले। पानी के इस घोल मे पक्षियों को भिगोया जाता है और पत्तियों को पीस कर इसका लेप शरीर के प्रभावित भागों पर लगाया जाता है।
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